Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan (KUSUM) // प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान

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प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान, या पीएम-कुसुम योजना, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक नई पहल है। इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, सिंचाई में सुधार करना, और सौर ऊर्जा का उपयोग करके कृषि क्षेत्र को प्रदूषणमुक्त बनाना है। आइए इस सौर-परक्रम को तीन सरल हिस्सों में विभाजित करके समझें।

भाग A: सोलर पावर प्लांट्स सभी के लिए इस योजना के पहले हिस्से में, सरकार बड़े सोलर पावर प्लांट्स स्थापित करना चाहती है, जो बिजली ग्रिड से जुड़े होते हैं। इन प्लांट्स की कुल क्षमता 10 जीडब्ल्यू है, जो सभी के लिए साफ ऊर्जा उत्पन्न करेंगे।

भाग B: सूरज से चलने वाले पानी पंप दूसरे हिस्से में ध्यान दिया जा रहा है व्यक्तिगत किसानों पर। सोचिए, सूरज की किरणों से चलने वाला एक सोलर पंप, जो महंगे डीजल पर निर्भरता के बिना पैदाबाद के लिए पानी प्रदान करता है। पीएम-कुसुम 1.75 मिलियन ऐसे सोलर पंप स्थापित करने का योजना बना रहा है, जिससे किसानों के लिए कृषि को सरल और सस्ता बनाया जा सके।

भाग C: मौजूदा पंप्स को सोलराइज़ करना तीसरे हिस्से में है, सौर ऊर्जा को विद्युत संयंत्रों में जोड़ने की कोशिश करना। पीएम-कुसुम से एक मिलियन किसानों के पंप्स को सोलर संयंत्रों से जोड़ने का लक्ष्य है, जिससे उपयोगकर्ताओं को स्थानीय तौर पर शक्ति मिले और पर्यावरण को बचाने में मदद मिले।

किसानों के लिए आर्थिक सहारा: अब, चलिए धन के पक्ष पर बात करें। सरकार बहुत समर्थन दे रही है!

  1. 60% अनुदान: किसानों को बड़ा अनुदान मिलता है – सरकार कुल खर्च का 60% कवर करती है। यह बहुत बड़ी राहत है!
  2. 30% ऋण: एक और हिस्सा को सरकार ऋण के रूप में प्रदान करती है। इस तरह, किसानों को पैसे जुटाने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
  3. किसानों से 10% योगदान: किसान केवल कुल खर्च का 10% योगदान करना है। यह एक साथी है जहाँ सरकार मुख्य समर्थक है।

अतिरिक्त आय और नई अवसर: पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को यह संभावना है कि वे सोलर पैनल से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली बेच सकते हैं। इस अतिरिक्त धन का उपयोग नए व्यापार शुरू करने के लिए किया जा सकता है, जिससे जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। यह उनके लिए एक ई-सानी बना देता है!

आवेदन प्रक्रिया और समृद्धि: योजना को लागू करने के लिए किसी भी समूह किसान, पंचायतें, या सहकारिता आवेदन कर सकती हैं। यह साझेदारी दृष्टिकोण से समृद्धि की ओर कदम बढ़ाती है और सुनिश्चित करती है कि स्वयं सहारा ऊर्जा के लाभ सभी वर्गों में व्यापक रूप से बाँटा जाता है।

आकांक्षित प्रभाव और भविष्य के लक्ष्य: पीएम-कुसुम का लक्ष्य 2022 के अंत तक 30.8 जीडब्ल्यू सौर क्षमता स्थापित करना है, जिससे भारत के नवीन ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो। यह योजना एक समर्थन योजना नहीं है ही बल्कि यह मिलियनों के जीवन में एक परिवर्तनात्मक प्रभाव लाने का प्रयास है।

निष्कर्ष: पीएम-कुसुम योजना को किसानों के लिए एक प्रकाश सा तत्व माना जा सकता है – जीवन को आसान बनाना, खर्च को कम करना, और पर्यावरण की मदद करना। सौर ऊर्जा को खेतों में लाने के द्वारा सरकार जीवन को और भी सुहावना बना रही है, बिजली की जरूरतों को कम करके, खर्च को कम करके, और हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाकर। यह वॉल्ट्स और वोल्ट्स के बारे में ही नहीं, बल्कि लाखों के किसानों के जीवन में लाए जाने वाले परिवर्तनात्मक प्रभाव की ओर एक कदम है।

Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan, or PM-KUSUM Yojana, is a game-changer for Indian farmers. Launched by the Government of India, this initiative aims to boost farmers’ income, improve irrigation, and make farming eco-friendly by harnessing the power of the sun. Let’s break down this solar-powered revolution into three simple components.

Component A: Solar Power Plants for All In the first part of the plan, the government wants to set up big solar power plants connected to the electricity grid. These plants, with a total capacity of 10 GW, will produce clean energy for everyone.

Component B: Sun-Powered Water Pumps The second part focuses on individual farmers. Imagine having a solar pump that runs on sunlight, providing water for crops without depending on expensive diesel. PM-KUSUM plans to install 1.75 million such solar pumps, making farming easier and cheaper.

Component C: Bringing Sunshine to Existing Pumps The third part is about adding solar power to the pumps farmers already use. By solarizing one million existing pumps, the government aims to make traditional pumps more energy-efficient and environmentally friendly.

Financial Help for Farmers: Now, let’s talk about the money part. The government is being super supportive!

  1. 60% Gift: Farmers get a big gift – the government covers 60% of the total cost. That’s a significant relief!
  2. 30% Loan: Another part of the cost is given as a loan by the government. This way, farmers don’t have to worry too much about arranging money.
  3. 10% from Farmers: Farmers only need to contribute 10% of the total cost. It’s like a team effort where the government is the main supporter.

Extra Income and New Opportunities: Guess what? Farmers can sell the extra electricity they generate from the solar panels. This extra money can be used to start new businesses or make life better. It’s like a bonus for being eco-friendly!

How to Apply: Any group of farmers, panchayats, or cooperatives can apply to get these solar pumps. It’s a simple way for communities to work together for a brighter, greener future.

The Big Goal: The government aims to set up a massive 30.8 GW of solar power by the end of 2022. That’s a huge step towards making India a solar energy superstar!

Conclusion: PM-KUSUM Yojana is like sunshine for farmers – making life easier, reducing costs, and helping the environment. By bringing solar power to farms, the government is lighting up the path for a better, more prosperous future for Indian agriculture. It’s not just about watts and volts; it’s about brightening the lives of millions of hardworking farmers across the country.

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