Dr. Ambedkar Scheme
In a groundbreaking effort to promote social unity and dismantle age-old caste divisions, the Union Government has launched the Dr. Ambedkar Scheme. This initiative not only encourages inter-caste marriages but also provides financial support to empower young couples to face the initial challenges of their married lives. Let’s explore this unique scheme that is making waves for its innovative approach to fostering unity and equality.
Understanding the Dr. Ambedkar Scheme: The primary goal of the Dr. Ambedkar Scheme is to celebrate diversity by encouraging and financially supporting inter-caste marriages. Newlyweds are provided a substantial incentive of Rs.2.50 lakh, a gesture that goes beyond mere acknowledgment, aiming to help them establish a stable foundation in the early stages of their marital journey.
Financial Assistance and Incentives: The scheme not only complements existing employment and poverty alleviation initiatives but also stands out for its commitment to financial assistance. The Rs.2.50 lakh incentive is disbursed in two installments, with the first half provided as a Demand Draft in the joint name of the couple and the remaining 50% released after five years of marriage.
Fascinating Facts: Adding an interesting dimension to the scheme, it allocates incentives for 500 inter-caste marriages annually in each state, reflecting the percentage share of the Scheduled Caste population as per the 2011 Census. District Authorities also receive Rs. 25,000 for each marriage to organize celebratory events, turning the incentive presentation into a community celebration of unity.
Eligibility Criteria: To be eligible for the Dr. Ambedkar Scheme, either the bride or groom must belong to the Scheduled Caste Community, and the other partner must be from a different community. The marriage must be legally registered under the Hindu Marriage Act, and all required documents, including caste certificates, should be submitted within one year of marriage. Importantly, the scheme is applicable only to first marriages, and the combined annual income of the couple should not exceed Rs.5 lakh.
Required Documentation: To avail the benefits, applicants need to submit essential documents, including certificates proving Scheduled Caste Community affiliation, a legally registered Marriage Certificate, Caste Certificates for both partners, a certificate confirming it is the first marriage for both, and income certificates issued by competent authorities.
Application Procedure: Couples interested in the scheme can submit a complete application with the recommendation of a sitting MP/MLA directly to the Dr. Ambedkar Foundation. Alternatively, state Governments or District Administrations can forward applications with their recommendations. The applications undergo thorough examination before approval, ensuring transparency and adherence to the scheme’s guidelines.
Conclusion: In conclusion, the Dr. Ambedkar Scheme is not just a financial incentive; it’s a bold step towards building a more inclusive and harmonious society. By supporting inter-caste marriages, the government is not only celebrating love but also sending a powerful message of unity and equality throughout the nation. As this unique initiative continues to impact lives and shape narratives, it stands as a beacon of hope for a future free from the constraints of caste prejudice, where love knows no boundaries.
“डॉ. अंबेडकर इंटर कास्ट मैरिज योजना: भारतीयों के लिए समानता की ओर की पथप्रदर्शिका, सामाजिक सामंजस्य की की ऊँचाईयों की दिशा में समृद्धि का संदेश।”
परिचय: भारतीय समाज में सामाजिक एकता की बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई और रोचक पहल की है – डॉ. अंबेडकर योजना। यह योजना विविधता को समर्थन देने वाले इंटर-कास्ट विवाहों को प्रोत्साहित करने और सामाजिक विभाजन को हटाने का प्रयास करती है। चलिए, इस अनूठी योजना के बारे में और बढ़ाते हैं।
डॉ. अंबेडकर योजना की समर्पणा: डॉ. अंबेडकर योजना का प्रमुख उद्देश्य है विविधता के सपने को हकीकत में बदलने के लिए उन युवा जोड़ों को प्रोत्साहित करना है जो सामाजिक मानकों को पार करते हैं और अपनी पहचान को बढ़ाते हैं। इसके तहत, सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली Rs.2.50 लाख की राशि नए विवाहित जोड़ी को सुपरिटाल सेटलमेंट के लिए सहारा प्रदान करने के लिए है।
वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन: योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के रूप में Rs.2.50 लाख की राशि नौकरी और गरीबी राहत योजनाओं के साथ सहारा प्रदान करने के लिए है, जिससे नए विवाहित जोड़े अपने जीवन की पहली मुश्किलों का सामना कर सकें।
रोचक तथ्य: यह योजना सामाजिक एकता के लिए एक पहल है, लेकिन इसकी रोचक बातें हैं जो इसे और भी मजेदार बनाती हैं। हर राज्य में वार्षिक रूप से 500 इंटर-कास्ट विवाहों के लिए स्थान निर्धारित है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार SC जनसंख्या की धारा के साथ मेल खाते हैं।
पात्रता मानदंड: इस योजना के लाभार्थी बनने के लिए या तो दूल्हा या दुल्हन को स्थिति जातिवादी समुदाय से और दूसरा व्यक्ति विभिन्न समुदाय से होना चाहिए। विवाह को हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत कानूनी रूप से पंजीकृत होना चाहिए, और आवश्यक दस्तावेजों को विवाह के एक वर्ष के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़: आवश्यक दस्तावेजों में विवाहित जोड़ों की जातिवादी समुदाय से संबंधित होने की प्रमाणपत्र, हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत विवाह प्रमाणपत्र, दूल्हा और दुल्हन के संबंधित जाति प्रमाणपत्र, दोनों के लिए पहला विवाह होने की प्रमाणपत्र, प्रमाणपत्रित दोनों पति और पत्नी की आय की प्रमाणपत्र शामिल हैं।
आवेदन प्रक्रिया: इस योजना से लाभ उठाने के लिए, जोड़े सीधे डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को एक सवर्ण सांसद/विधायक की सिफारिश के साथ पूर्ण आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। राज्य सरकार या जिला प्रशासन भी अपनी सिफारिशों के साथ आवेदनों को डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन को फॉरवर्ड कर सकते हैं।
समापन: डॉ. अंबेडकर योजना एक ऐसी सामाजिक पहल है जो न केवल इंटर-कास्ट विवाहों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि सामाजिक एकता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाती है। इसके माध्यम से सरकार ने एक समृद्ध, एकत्रित और बढ़ती हुई समाज की दिशा में एक योजना की शुरुआत की है। इसे सपने की तरह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं, जब देश एक आपसी समरसता और समानता की दिशा में बढ़ेगा और सभी के बीच सामाजिक सामंजस्य बनी रहेगी।