Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan:प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान

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Empowering Tribal Communities: The Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM JANMAN)

In a significant stride towards inclusive development, the Government of India has launched the Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM JANMAN), aimed at addressing the unique challenges faced by tribal communities across the nation. Central to this initiative are eleven critical interventions spanning various sectors, facilitated through nine line ministries for effective implementation. Among these interventions is the pioneering New Solar Power Scheme, designed to bring sustainable electrification to Particularly Vulnerable Tribal Groups (PVTG) habitations and villages.

With an approved financial outlay of Rs. 515 Crore, the New Solar Power Scheme targets the electrification of one lakh un-electrified households (HHs) situated in PVTG areas across 18 states and one union territory. These regions include Andhra Pradesh, Bihar, Chhattisgarh, Gujarat, Jharkhand, Karnataka, Kerala, Madhya Pradesh, Maharashtra, Manipur, Odisha, Rajasthan, Tamil Nadu, Telangana, Tripura, Uttar Pradesh, Uttarakhand, West Bengal, and the Union Territory of Andaman & Nicobar Islands.

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The core objective of the scheme is to provide electricity to areas where conventional grid connectivity is not feasible or economically viable. To achieve this, off-grid solar systems are being installed, ensuring reliable power supply to remote tribal communities. This initiative not only enhances the quality of life for these communities but also paves the way for their active participation in the socio-economic development of the nation.

Furthermore, the New Solar Power Scheme incorporates provisions for solar lighting in 1500 Multi-Purpose Centres (MPCs) located in PVTG areas where grid electricity is unavailable. These MPCs serve as focal points for community activities, education, healthcare, and skill development, thereby serving as catalysts for holistic development within tribal regions.

The introduction of solar power not only addresses the immediate need for electricity but also aligns with broader objectives of sustainability and environmental conservation. By harnessing renewable energy sources, the scheme contributes to reducing carbon emissions and mitigating climate change impacts, thereby fostering a greener and more sustainable future for tribal communities.

Beyond the tangible benefits of electrification, the New Solar Power Scheme holds the promise of unlocking new opportunities for tribal communities. Access to electricity facilitates the deployment of various technologies, such as telecommunication, irrigation, and small-scale enterprises, fostering economic growth and empowerment at the grassroots level.

Moreover, by prioritizing the electrification of PVTG habitations and villages, the PM JANMAN initiative underscores the government’s commitment to ensuring the socio-economic inclusion of marginalized tribal communities. It acknowledges their rights, preserves their cultural heritage, and empowers them to actively participate in the nation-building process.

In conclusion, the Pradhan Mantri Janjati Adivasi Nyaya Maha Abhiyan (PM JANMAN) represents a landmark initiative in the journey towards inclusive and sustainable development. Through the New Solar Power Scheme and other interventions, it not only addresses the immediate needs of tribal communities but also lays the foundation for their long-term prosperity and well-being. As we harness the power of innovation and collaboration, let us continue to work towards creating a future where every individual, regardless of their background, has the opportunity to thrive and contribute to the collective progress of our nation.

आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाना: प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन्मान)

एक समृद्धि दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन्मान) की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रभर में आदिवासी समुदायों के सामूहिक विकास के अद्वितीय चुनौतियों का सामना करना है। इस पहल के मध्य में एकादश क्रितिक अनुप्रयोग शामिल हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में आवर्जित हो रहे हैं, जिन्हें प्रभावी रूप से कार्यान्वयन करने के लिए नौ लाइन मंत्रालयों के माध्यम से सुनिश्चित किया गया है। इन अभियानों में से एक प्रमुख अभियान नई सोलर पावर योजना है, जो खासकर विशेष रूप से वंचित आदिवासी समुदायों (पीवीटीजी) के निवासियों और गांवों में सतत विद्युतीकरण लाने के लिए डिज़ाइन की गई है।

515 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ, नई सोलर पावर योजना का उद्देश्य 18 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में स्थित पीवीटीजी क्षेत्रों में अनबिज्जत घरों (एचएच) के विद्युतीकरण को लक्ष्यित करना है। ये क्षेत्रों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य वहाँ बिजली प्रदान करना है जहाँ पारंपरिक ग्रिड कनेक्टिविटी संभव नहीं है या आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है। इसे प्राप्त करने के लिए, ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं, जो दूरस्थ आदिवासी समुदायों को विश्वसनीय विद्युत प्रबंधन प्रदान करते हैं। यह पहल न केवल इन समुदायों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है, बल्कि उनके राष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक विकास में भागीदारी के लिए मार्ग प्रशस्त करती है।

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इसके अतिरिक्त, नई सोलर पावर योजना में एक, जहाँ ग्रिड बिजली उपलब्ध नहीं है, पीवीटीजी क्षेत्रों में 1500 मल्टी-पर्पज प्रोसेसिंग सेंटर्स (एमपीसी) में सोलर प्रकाश प्रदान करने के लिए प्रावधान शामिल है। ये एमपीसी समुदाय के गतिविधियों, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और कौशल विकास के लिए केंद्रीय बिंदु के रूप में कार्य करते हैं, अतः ये आदिवासी क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए कैटलिस्ट के रूप में कार्य करते हैं।

सोलर पावर के प्रस्ताव के अलावा, यह योजना विद्युतीकरण की तुरंत आवश्यकताओं के साथ-साथ आदिवासी समुदायों के लिए नई अवसरों को खोलने का वादा करती है। बिजली का एक्सेस विभिन्न प्रौद्योगिकियों, जैसे दूरसंचार, सिंचाई, और लघु-मध्यम उद्यमों की लागूता को सुनिश्चित करता है, जो ग्रामीण स्तर पर आर्थिक विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है।

इसके अतिरिक्त, पीवीटीजी निवासियों और गांवों के विद्युतीकरण को प्राथमिकता देकर, पीएम जन्मान पहल सरकार के सामाजिक-आर्थिक समूचीवाद में आदिवासी समुदायों के समावेश की गारंटी को स्वीकार करता है। यह उनके अधिकारों को स्वीकार करता है, उनकी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखता है, और उन्हें राष्ट्रनिर्माण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाता है।

समापनरूप में, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जन्मान) एक महत्वपूर्ण पहल का प्रतीक है जो समावेशी और पर्यावरणीय विकास की दिशा में एक नई क्रांति की ओर अग्रसर है। नई सोलर पावर योजना और अन्य अभियानों के माध्यम से, यह न केवल आदिवासी समुदायों की तत्परता को पूरा करता है, बल्कि उनके दीर्घकालिक समृद्धि और कल्याण के लिए आधार रखता है। हम नवाचार और सहयोग की शक्ति का संग्रह करते हुए, चलते रहें, ताकि हर व्यक्ति को, उनके पिछड़े पन के बावजूद, अपने देश की सामूहिक प्रगति में सहभागिता का अवसर मिल सके।

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