Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana:फसल बीमा योजना

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Agriculture in India is more than just an occupation—it is a way of life deeply embedded in the nation’s identity. However, farming comes with significant risks, as crop losses due to natural disasters often leave farmers vulnerable. The Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY), launched in 2016, offers a lifeline by providing comprehensive crop insurance to farmers. Now in its 7th year, the scheme has evolved to become a robust safety net, safeguarding farmers’ interests and reinforcing India’s agricultural backbone.


A Comprehensive Support System for Farmers

PMFBY encapsulates the government’s commitment to protecting farmers from the unpredictability of nature by offering financial relief for crop damage caused by natural calamities.

  • Key Achievements: Over 36 crore applications have been insured, with INR 1,07,059 crore in claims disbursed, demonstrating the scheme’s reach and impact.
  • Participation Flexibility: Since 2020, the scheme offers a voluntary enrollment model, empowering farmers—both loanee and non-loanee—to choose insurance coverage for their crops, ensuring maximum inclusion.

Harnessing Technology for Efficiency

PMFBY has embraced technological innovations to improve efficiency and transparency in operations.

  • Digital Tools: Farmers can enroll and report crop losses via the Crop Insurance App or the National Crop Insurance Portal (NCIP), minimizing paperwork and delays.
  • Land Record Linkage: Automated verification of land records on NCIP ensures accuracy in claim processes and reduces the chances of disputes.
  • Drone Usage: The government’s recent decision to deploy drones for crop damage assessment reflects the scheme’s continuous adaptation to advanced technology.

Key Benefits of PMFBY

  1. Coverage for Kharif and Rabi Crops: Farmers can insure both summer and winter season crops.
  2. Add-on Coverage: Protection is available for specific risks like post-harvest losses, pests, and localized calamities.
  3. Income Stability: Financial support ensures that farmers can continue cultivation, even after facing crop losses.
  4. Optional Participation: Farmers have the freedom to opt in or out, regardless of their loan status.

Empowering Farmers through Awareness and Grievance Redressal

The scheme extends beyond financial support to foster empowerment and engagement at the grassroots level.

  • Grievance Committees: State and district-level platforms address farmer concerns, promoting transparency and accountability.
  • Awareness Campaigns: Programs like Crop Insurance Week and PMFBY Paathshaala engage farmers in interactive sessions to educate them on crop insurance policies.
  • Accessible Communication Channels: Toll-free helplines and active social media outreach help farmers resolve issues promptly.

Inclusivity: Reaching the Most Vulnerable Farmers

One of PMFBY’s standout features is its focus on inclusivity, ensuring that small and marginal farmers—who form 85% of the beneficiaries—are adequately protected during difficult times. By prioritizing these vulnerable sections, the scheme plays a crucial role in reducing agrarian distress.


‘Meri Policy Mere Hath’ Initiative: Bridging Gaps

The Meri Policy Mere Hath (My Policy in My Hand) campaign ensures that farmers have easy access to their policy details and understand the terms clearly. This doorstep distribution drive is a step toward enhancing transparency and trust between policyholders and insurance providers.


How to Apply for PMFBY

  1. Visit the Official Portal: Head to the National Crop Insurance Portal.
  2. Select ‘Farmer Corner’: If you don’t have an account, use the ‘Guest Farmer’ option.
  3. Fill in the Details: Provide accurate personal and crop-related information to create an account.
  4. Submit the Insurance Form: Choose the desired coverage and complete the process.

How to File a Claim

  1. Report Crop Loss within 72 Hours: Use the portal or app to report damage.
  2. Upload Required Documents: Include photos of the damaged crop and a report from the Village-Level Committee (VLC) or agriculture department.
  3. Track Your Claim: Follow up on the claim status through the portal for timely updates.

Towards a Brighter Future

PMFBY has emerged as a cornerstone of agricultural reform, making farming more resilient and sustainable. Its continuous evolution—through advanced technologies, grassroots awareness programs, and targeted inclusion—redefines agricultural welfare in India. With efforts like drone-based assessments and the Meri Policy Mere Hath initiative, the scheme is better equipped to meet future challenges.

As PMFBY moves forward, it embodies hope for millions of farmers, helping them navigate uncertainties and continue cultivating the land that sustains the nation. It is through such enduring support that India will secure its agricultural legacy and strengthen its food security for generations to come.

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भारतीय किसानों को सशक्त बनाना: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) पर एक नज़दीकी नज़र

परिचय

भारत में कृषि केवल आजीविका नहीं बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा है। लेकिन प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान किसानों के लिए बड़ी चुनौती पेश करते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), जो 2016 में शुरू की गई थी, इसी चुनौती का समाधान पेश करती है। यह योजना किसानों को व्यापक बीमा सुरक्षा प्रदान कर उनके भविष्य को सुरक्षित बनाती है। अब अपने 7वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी PMFBY ने किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं और कृषि क्षेत्र को नई दिशा दी है।


किसानों के लिए एक समग्र सहायता प्रणाली

PMFBY सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान के मामले में किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए।

  • प्रमुख उपलब्धियाँ: अब तक 36 करोड़ से अधिक आवेदन बीमित किए गए हैं और INR 1,07,059 करोड़ से अधिक की राशि दावों के रूप में वितरित की गई है।
  • स्वैच्छिक भागीदारी: 2020 से लागू वैकल्पिक मॉडल ने किसानों को स्वयं फसल बीमा चुनने की सुविधा दी है, जिससे ऋणग्राही और गैर-ऋणग्राही किसान दोनों इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

प्रौद्योगिकी के उपयोग से कुशलता में सुधार

PMFBY ने योजना के संचालन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाया है।

  • डिजिटल टूल्स: किसान फसल बीमा ऐप और नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (NCIP) के माध्यम से आसानी से पंजीकरण और फसल नुकसान की रिपोर्ट कर सकते हैं।
  • भूमि रिकॉर्ड का एकीकरण: NCIP पर भूमि रिकॉर्ड की स्वचालित सत्यापन प्रणाली से सटीकता सुनिश्चित होती है और दावा निपटान में तेजी आती है।
  • ड्रोन का उपयोग: फसल नुकसान के आकलन में ड्रोन तकनीक का प्रयोग सरकार की इस योजना में नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

PMFBY के प्रमुख लाभ

  1. खरीफ और रबी फसलों के लिए बीमा: किसान दोनों मौसम की फसलों को कवर कर सकते हैं।
  2. विकल्प आधारित कवरेज: कटाई के बाद नुकसान, कीट हमलों और स्थानीय आपदाओं के लिए अतिरिक्त कवरेज उपलब्ध है।
  3. आय में स्थिरता: योजना का उद्देश्य किसानों को फसल नुकसान के बावजूद खेती जारी रखने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
  4. ऐच्छिक भागीदारी: किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार योजना में भाग लेने का विकल्प चुन सकते हैं।

जागरूकता और शिकायत निवारण के माध्यम से सशक्तिकरण

PMFBY न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास भी करती है।

  • शिकायत निवारण समितियाँ: राज्य और जिला स्तर पर समितियाँ किसानों की शिकायतों को सुनती हैं और समय पर समाधान सुनिश्चित करती हैं।
  • जागरूकता अभियान: फसल बीमा सप्ताह और PMFBY पाठशाला जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को बीमा योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है।
  • संचार के आसान माध्यम: टोल-फ्री हेल्पलाइन और सोशल मीडिया अभियान किसानों को समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित पहुँच प्रदान करते हैं।

समावेशिता: छोटे और सीमांत किसानों तक पहुँच

PMFBY का सबसे सराहनीय पहलू इसकी समावेशिता है। लगभग 85% लाभार्थी छोटे और सीमांत किसान हैं, जिन्हें कठिन समय में इस योजना से अत्यधिक सहायता मिलती है। इस लक्षित दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित होता है कि सबसे कमजोर वर्ग को समय पर राहत और सहायता मिले।


‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ पहल: नीति और किसानों के बीच दूरी को कम करना

मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान के तहत किसानों को उनकी बीमा पॉलिसी की जानकारी उनके घर तक पहुँचाई जा रही है। इस पहल का उद्देश्य न केवल पारदर्शिता बढ़ाना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि किसान बीमा योजना की शर्तों को भली-भाँति समझें और समय पर लाभ उठा सकें।


कैसे करें आवेदन?

  1. आधिकारिक पोर्टल पर जाएँ: नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल खोलें।
  2. ‘किसान कोना’ चुनें: यदि खाता नहीं है, तो ‘गेस्ट किसान’ विकल्प का उपयोग करें।
  3. विवरण भरें: सही जानकारी भरकर अपना खाता बनाएं।
  4. फॉर्म सबमिट करें: बीमा योजना का चयन कर आवेदन पूरा करें।

कैसे करें दावा?

  1. 72 घंटे के भीतर नुकसान की रिपोर्ट करें: पोर्टल या ऐप के माध्यम से फसल नुकसान की सूचना दें।
  2. आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें: फसल नुकसान की फोटो और गाँव स्तर की समिति (VLC) या कृषि विभाग की रिपोर्ट संलग्न करें।
  3. दावे की स्थिति की जाँच करें: पोर्टल पर लॉग इन करके अपने दावे की स्थिति का पता लगाएं।

उज्ज्वल भविष्य की ओर

PMFBY ने भारतीय कृषि को अधिक स्थिर और टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आधुनिक तकनीकों का उपयोग, जागरूकता कार्यक्रम और समावेशी नीतियों के माध्यम से यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बना रही है।

ड्रोन आधारित मूल्यांकन और मेरी पॉलिसी मेरे हाथ जैसे अभियानों के साथ, PMFBY भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए और भी बेहतर तरीके से तैयार है।

इस योजना ने न केवल लाखों किसानों को आशा की किरण दी है, बल्कि उन्हें खेती जारी रखने और भविष्य के लिए तैयार रहने में भी सक्षम बनाया है। PMFBY के माध्यम से हम एक मजबूत और समृद्ध कृषि पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिससे भारत का कृषि भविष्य सुरक्षित रहेगा।

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